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जय श्री राम 🙏

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🕊 Exclusive First Look: Majestic Ram Mandir in Ayodhya Unveiled! 🕊

🕊 एक्सक्लूसिव फर्स्ट लुक: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण! 🕊

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श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
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Reach Ayodhya

चलो अयोध्या

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How to Reach Ram Janmabhoomi Ayodhya By Train, Bus, Car, Air?

Lord Rama is believed to be the 7th incarnation of the Hindu God Vishnu and is worshipped by devotees all over the world. Ayodhya, which is considered to be the birthplace of Lord Rama, is also one of the most sacred places in India.

In November 2019, the Hon’ble Supreme Court of India gave its verdict on the Ayodhya dispute and asked a government-appointed trust to look after the construction of the Ram Temple in Ayodhya. The temple construction officially began with a grand ceremony on 5th August, 2020 while the foundation stone was laid by the Prime Minister of India.

Since then, devotees from all over the country are excited to visit the holy city of Ayodhya in Uttar Pradesh. So, let us look at how to reach Ayodhya through different ways.

वायुमार्ग से अयोध्या कैसे पहुँचे ? अयोध्या पहुचने के लिए सबसे निकट 130 किमी की दूरी पर चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट लखनऊ में स्थित है। यहाँ पहुचने के बाद आप एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर या ट्रेन या बस के द्वारा सफर करके अयोध्या पहुँच सकते है। आप अन्य गोरखपुर , इलाहाबाद और वाराणसी एयरपोर्ट के माध्यम से भी अयोध्या आ-जा सकते है।

दिल्ली से अयोध्या (महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा) के बीच की हवाई दूरी की उड़ान कई एयरलाइनों द्वारा प्रदान की जाती है, जिसमें कुछ प्रमुख घरेलू वाहक भी शामिल हैं। देश की। इंडिगो, विस्तारा और एयर इंडिया जैसी एयरलाइनों में उड़ान भरकर दिल्ली से अयोध्या के बीच की दूरी तय करें, जिनमें दोनों नॉन-स्टॉप हैं। साथ ही कनेक्टिंग उड़ानें भी। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपनी बुकिंग अपने निर्धारित प्रस्थान से दो सप्ताह से एक महीने पहले बंद कर दें।
अयोध्या में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा डबल इंजन सरकार की गतिशीलता का एक उत्कृष्ट प्रमाण है। जिसने मात्र 178 एकड़ में फैली एक कॉम्पैक्ट हवाई पट्टी को दो वर्षों के भीतर 821 एकड़ में फैले एक विशाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में बदल दिया है, उत्तर प्रदेश सरकार का एक बयान पढ़ें।

The aerial distance between Delhi to Ayodhya (Maharshi Valmiki International Airport) flight is served by an entire host of airlines which includes some of the major domestic carriers of the country. Cover the distance between Delhi to Ayodhya by flying aboard airlines like IndiGo, Vistara, and Air India that have both non-stop as well as connecting flights. you need to make sure you close your booking between two weeks to one month ahead of your scheduled departure.
Maharshi Valmiki International Airport in Ayodhya is an outstanding testament to the dynamism of the double-engine Government, which has transformed a compact airstrip spanning just 178 acres into an expansive international airport covering 821 acres within two years, read a statement from the Uttar Pradesh Government.

ट्रेन के द्वारा अयोध्या कैसे पहुँचे ? अयोध्या पहुचने के लिए रेलवे सबसे अच्छा साधन है। फैजाबाद और अयोध्या रेलवे स्टेशन के किये लगभग सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों से ट्रेन चलती हैं। अगर अयोध्या या फैजाबाद पहुचने के लिए आपके शहर से कोई सीधी ट्रेन नहीं है तो आप मनकापुर या लखनऊ रेलवे स्टेशन आ सकते है। मनकापुर से अयोध्या 35 किमी और लखनऊ से 130 किमी दूर है। यहाँ से आप बस, टैक्सी या कार से अयोध्या पहुँच सकते हैं।

सड़क मार्ग से अयोध्या कैसे पहुंचे ? अयोध्या के लिए सरकारी और निजी बस सेवाओं का बड़ा नेटवर्क है, जो अयोध्या को देश के कई शहरों से जोड़ कर रखता है। उत्तरप्रदेश और आस पास के राज्यों से अयोध्या के लिए कई एसी और नॉन एसी बस चलती है। अयोध्या से लखनऊ 130 किलोमीटर, वाराणसी 200 किलोमीटर, इलाहाबाद 160 किलोमीटर, गोरखपुर 140 किलोमीटर और दिल्ली लगभग 636 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। जिनसे आप बस, टैक्सी या कार के माध्यम से अयोध्या तक का सफ़र कर सकतें है।


Jaipur To Ayodhya


Delhi To Ayodhya


Lucknow To Ayodhya

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रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Kabandha - कबंध

कबंध रामायण महाकाव्य में एक महत्वपूर्ण पात्र है, जो हनुमान का पहला लड़ाका था। कबंध एक विशालकाय राक्षस था जिसकी विशेषता थी कि उसके दो पैर, दो हाथ और दो मुख थे। उसके एक पैर और एक हाथ के नुकीले नख थे जिन्हें वह लोगों को दहला देने के लिए प्रयोग करता था। कबंध को लंका के राजा रावण ने अपने राजमहल में निवास कराया था।

कबंध के बारे में कहानी रामायण महाकाव्य में समरेश्वर हनुमान के मुख्य भूमिका को विस्तृत करती है। हनुमान ने सूंदरकांड के दौरान कबंध को मार दिया था।

हनुमान कबंध के पास पहुंचे और उससे युद्ध के लिए मुक़ाबला करने का आग्रह किया। वह ज्ञात करने के लिए पूछता है कि कौन हैं वे और उनका धर्म क्या है। कबंध उसे जवाब देता है कि वह एक राक्षस है और उसका धर्म अहंकार को दृढ़ करना है। उसने कहा कि वह उसे छोड़ देगा जो भगवान श्रीराम का स्वरूप है।

हनुमान कबंध के बारे में और बेहतर जानने के लिए उससे विस्तृत बातचीत करते हैं। इसके पश्चात हनुमान ने कबंध को युद्ध के लिए मुक़ाबला करने का प्रस्ताव दिया। हनुमान और कबंध के बीच हुए युद्ध में हनुमान ने अपनी भयंकर शक्ति दिखाई और उसने उसके दोनों हाथ और एक पैर को काट दिया।

इस रूप में कबंध बिना उसकी कुछ शक्तियों के लड़ नहीं सकता था। हनुमान कबंध के प्राण लेने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन प्राण लेने से पहले उसने कबंध के मुंह से सुना कि राम कौन है और उसके बारे में जानने की इच्छा की है। यह सुनकर कबंध ने अपने अपने अंतिम शब्दों में हनुमान को बताया कि राम सबके श्रेष्ठ और परम आत्मा हैं, और उनका ध्यान और भक्ति सबके लिए मोक्ष का साधन है।

कबंध की मृत्यु के बाद, हनुमान ने उसके पूरे शरीर को आग के समान जला दिया। यह भगवान राम के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास था, क्योंकि उसने राक्षसों के संगठन में दंगा मचाया था और उनका सर्वनाश किया था। इस तरह, कबंध रामायण के कथा में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पात्र के रूप में प्रस्तुत होता है, जो हनुमान के पाठकों को राम के महान गुणों का अनुभव कराता है।



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|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

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2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

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रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

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अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.