×

जय श्री राम 🙏

सादर आमंत्रण

🕊 Exclusive First Look: Majestic Ram Mandir in Ayodhya Unveiled! 🕊

🕊 एक्सक्लूसिव फर्स्ट लुक: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण! 🕊

YouTube Logo
श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
लाइव दर्शन | Live Darshan
×
YouTube Logo

Post Blog

श्री बजरंग बाण

Aarti, Arti, arati Sangrah, Shri Bajrang baan | श्री बजरंग बाण का पाठ - rammandir-ayodhya.com
जय बजरंग बली

Bajrang Baan - बजरंग बाण

हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है. कहते हैं जब विपदा बहुत प्रबल हो जाए, हर कार्य में निराशा हाथ लगे तब हनुमान जी की पूजा और बजरंग बाण का पाठ करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. बजरंग बाण को बहुत प्रभावशाली माना गया है. हनुमान जी की कृपा पाने के लिए विशेषकर मंगलवार और शनिवार को ये पाठ करना उत्तम माना गया है. मान्यता है कि बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति को कभी भी गंभीर रोग नहीं सताता. साथ ही, वह हर प्रकार के रोग और अन्य दोषों से मुक्ति पाता है. - किसी भी कार्य में निश्चित रूप से सफलता पाने के लिए मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. इसे करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है.

दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ।।

चौपाई

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै

जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता

जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता

बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै

जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ

जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ

यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की

यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा

दोहा :

उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान ।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान ।।

Temple 🔗

The Ram Mandir Trust has set December 2023 as the deadline and the temple will be open for devotees from January 2024.

Hotel In Ayodhya 🔗

Book the best Hotels in Ayodhya.Check out your Preferred stay from popular area in Ayodhya, Stay in Ayodhya's best hotels!

Places To See In Ayodhya 🔗

The top attractions to visit in Ayodhya are: Shri Ram Janma Bhoomi, Hanuman Garhi Mandir, Kanak Bhavan Temple, Sita Ki Rasoi

रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Sage Agastya - मुनि अगस्त्य

मुनि अगस्त्य रामायण में एक महत्वपूर्ण और प्रमुख चरित्र हैं। वे एक महर्षि हैं जिन्होंने अपने तपस्या और विद्या के माध्यम से महान शक्तियों को प्राप्त किया था। अगस्त्य मुनि का जन्म महर्षि उर्वशी और राजा नहुष के पुत्र के रूप में हुआ था। वे एक आदर्श पति, पिता और गुरु थे। अगस्त्य का नाम संस्कृत शब्द 'अगस्ति' से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है 'अद्भुत' या 'अत्यंत ध्यानयोग्य'।

अगस्त्य मुनि धर्म और तपस्या के पक्षपाती थे। उन्होंने अपना जीवन इंद्रिय वश में नहीं रखा और अपने मन, शरीर और आत्मा को एकीकृत किया। वे देवताओं और ऋषियों के बीच बड़ी मान्यता रखते थे और सदैव धर्म और न्याय के मार्ग पर चलते थे। अगस्त्य मुनि की अत्यंत बुद्धिमता, ज्ञानवान होने के साथ-साथ वे एक शान्त, संतुलित और स्वयंनियंत्रित व्यक्तित्व रखते थे। उन्होंने संसार में न्याय, धर्म और अहिंसा की शिक्षा प्रदान की और अपने ज्ञान का उपयोग लोगों की सहायता करने के लिए किया।

मुनि अगस्त्य का दिखावटी रूप बड़ा ही प्रभावशाली और आकर्षक होता था। वे मानवीय रूप में ही नहीं, बल्कि वनदेवता के रूप में भी प्रकट हो सकते थे। उनके मस्तिष्क में बहुत सारी शक्तियाँ होती थीं और उन्हें अन्य देवताओं के साथ मिलकर आपात समय में राज्य की सुरक्षा करने का आदेश देते थे। अगस्त्य मुनि के आदेश को मान्यता देना धर्मपरायण राजाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था।

अगस्त्य मुनि का एक महत्वपूर्ण कार्य रामायण में भी दिखाया गया है। जब भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण राज्य वन में वनवास जीवन बिता रहे थे, तब दण्डक वन में विविध राक्षसों ने अपराधियों के रूप में उनकी परेशानी की थी। उन्हें राक्षसी तड़ना से बचने के लिए अगस्त्य मुनि की सहायता चाहिए थी।

अगस्त्य मुनि ने राम को अपने विशेष शस्त्रों की सौगंध दी जिनका उपयोग वे राक्षसों के विरुद्ध कर सकते थे। वे एक अद्भुत धनुष भी दिए जिसका नाम ब्रह्मास्त्र था, जिसे राम ने बाद में रावण के खिलाफ उपयोग किया। अगस्त्य मुनि ने राम को अन्य रहस्यमय शस्त्र और मंत्रों की शिक्षा भी दी, जिनका उपयोग वे अपनी रक्षा में कर सकते थे। इस प्रकार, अगस्त्य मुनि ने राम को उनके वनवास के दौरान सकुशल रखने में मदद की और उनकी रक्षा की।

मुनि अगस्त्य रामायण के महान चरित्रों में से एक हैं, जो तपस्या, ज्ञान और धर्म के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं। उनके महत्वपूर्ण योगदान से राम ने राक्षसों के साथ संग्राम करने में सफलता प्राप्त की और अपनी पत्नी सीता की रक्षा की। अगस्त्य मुनि के उदाहरण ने मनुष्यों को आदर्श जीवन का पाठ पढ़ाया है और उन्हें धार्मिक और न्यायप्रिय आचरण की महत्वपूर्णता सिखाई है।



Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Sanskrit shlok
Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Hindi shlok
Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner English shlok

|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

ram mandir ayodhya news feed banner
2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

ram mandir ayodhya news feed banner
रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

ram mandir ayodhya news feed banner
अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.