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श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
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श्री हनुमान चालीसा

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मान्यता है कि हनुमान चालीसा के पाठ से कई तरह की तकलीफों का नाश हो जाता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि के साथ आरोग्य का वास होता है। यदि किसी कारण मन अशांत है तो हनुमान चालीसा के पाठ से मन को शांति मिल सकती है। हर तरह के भय का नाश भी इसके पाठ से हो सकता है। हनुमान चालीसा का पाठ करना हर व्यक्ति के लिए बेहद लाभप्रद है। हनुमानजी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय हनुमान चालीसा का पाठ करना है। जो व्यक्ति रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना है, उसकी इच्छा शक्ति भी बहुत मजबूत होती है। अगर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना संभव हो तो सिर्फ मंगलवार को ही कर सकते हैं।

॥ दोहा ॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ।।

॥चौपाई॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुं लोक उजागर ।।

रामदूत अतुलित बल धामा
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी ।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचित केसा ।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै
कांधे मूंज जनेऊ साजै

संकर सुवन केसरीनंदन
तेज प्रताप महा जग बन्दन ।।

तेज प्रताप महा जग बन्दन
राम काज करिबे को आतुर ।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया ।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।

भीम रूप धरि असुर संहारे
रामचंद्र के काज संवारे ।।

लाय सजीवन लखन जियाये
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा ।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते
कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा ।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेस्वर भए सब जग जाना ।।

जुग सहस्र जोजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ।।

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।

राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डर ना ।।

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हांक तें कांपै ।।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै
महाबीर जब नाम सुनावै ।।

नासै रोग हरै सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।।

सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज सकल तुम साजा

और मनोरथ जो कोई लावै
सोइ अमित जीवन फल पावै ।।

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा ।।

साधु-संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे ।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता ।।

राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा ।।

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम-जनम के दुख बिसरावै ।।

अन्तकाल रघुबर पुर जाई
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई ।।

और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।

संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ।।

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई ।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा ।।

दोहा :

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।

Temple 🔗

The Ram Mandir Trust has set December 2023 as the deadline and the temple will be open for devotees from January 2024.

Hotel In Ayodhya 🔗

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Places To See In Ayodhya 🔗

The top attractions to visit in Ayodhya are: Shri Ram Janma Bhoomi, Hanuman Garhi Mandir, Kanak Bhavan Temple, Sita Ki Rasoi

रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Sumantra - सुमंत्र

सुमंत्र रामायण का महत्वपूर्ण पात्र है जो एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और राजा दशरथ के मन्त्री के रूप में जाना जाता है। सुमंत्र अपनी बुद्धिमत्ता, विवेक, और सच्चाई के लिए प्रसिद्ध हैं। वह अपनी शांत और न्यायप्रिय प्रकृति के लिए भी प्रसिद्ध हैं। वह एक स्वाभिमानी और सजग व्यक्तित्व हैं जिसने अपने नैतिक मूल्यों को कभी नहीं छोड़ा है।

सुमंत्र को एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है जो राजा दशरथ के प्रमुख मंत्री के रूप में कार्यरत रहते हैं। उनके मार्गदर्शन में राजा दशरथ ने अपने राज्य को विकासित किया और उसे शांति और समृद्धि के मार्ग पर चलाया। सुमंत्र एक विद्वान और बुद्धिमान व्यक्ति हैं जिन्हें राजनीति, न्याय, और सत्य की गहरी समझ है। उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करके राजा दशरथ को सुझाव दिए और उनके निर्णयों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

सुमंत्र का व्यक्तित्व निष्ठावान और न्यायप्रिय होने के साथ-साथ संतुलित है। वह उन गुणों को दिखाते हैं जो एक अच्छे मंत्री में होने चाहिए। सुमंत्र के बुद्धिमान विचार और विवेकशीलता ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दी है। उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों को सम्मानित किया है और धर्म, न्याय, और सत्य की प्राथमिकता को बनाए रखने का प्रयास किया है। वह अपनी सरकार के लोगों के हित में हमेशा काम करते रहे हैं और राजा दशरथ के उच्चतम कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं।

सुमंत्र का शांत और सचेत मनोवृत्ति उन्हें अन्य लोगों के साथ मेल-जोल रखने और सभी द्वारा प्राथमिकता दी जाने वाली समस्याओं का समाधान करने में मदद करती है। सुमंत्र का स्वाभिमान और सजगता हमेशा उनके कार्यक्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, और यह उन्हें न्यायप्रिय और निर्णयक होने की बजाय उच्च मानकों पर चलने के लिए प्रेरित करता है। उनका सदैव ध्यान राष्ट्रीय हित में रहता है और वे अपने विचारों को आपसी समझ और समन्वय के साथ प्रस्तुत करते हैं।

सुमंत्र एक मानवीय और निष्ठावान व्यक्तित्व हैं जो राजनीतिक मामलों को और सभी प्राथमिकताओं को समझते हैं। उनकी उच्च नैतिकता और शांत व्यवहार उन्हें एक आदर्श मंत्री बनाते हैं। वे अपने वचनों पर अटल रहते हैं और अपने कर्तव्यों को समय पर निभाते हैं। सुमंत्र राजा दशरथ के विश्वासयोग्य साथी के रूप में विख्यात हैं, और वे अपने योगदानों से उनके शासन को मजबूत और न्यायपूर्ण बनाते हैं।

सुमंत्र रामायण में एक प्रमुख और महत्वपूर्ण चरित्र हैं जो अपनी बुद्धिमत्ता, नैतिकता, और सेवाभाव के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभाते हुए राज्य की प्रगति और कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सुमंत्र की शांत और न्यायपूर्ण प्रकृति, उनकी बुद्धिमानता, और निष्ठा ने उन्हें एक महान और प्रशंसनीय व्यक्तित्व का दर्जा प्राप्त किया है। वे राजा दशरथ के निर्णयों के विचार में सदैव मदद करते हैं और राष्ट्रीय हित के लिए अपनी सेवाओं को समर्पित करते हैं।



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|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

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2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

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रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

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अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.