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जय श्री राम 🙏

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🕊 Exclusive First Look: Majestic Ram Mandir in Ayodhya Unveiled! 🕊

🕊 एक्सक्लूसिव फर्स्ट लुक: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण! 🕊

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श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
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Bangalore To Ayodhya Dham By Flight

Bangalore To Ayodhya
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Ayodhya Map

बैंगलोर से अयोध्या धाम के लिए उड़ान का विवरण

बैंगलोर से अयोध्या धाम तक यात्रा के लिए विमानयान एक सुविधाजनक और तेज विकल्प है। बैंगलोर में स्थित केंद्रीय हवाईअड्डा, बैंगलोर से यह यात्रा शुरू होती है और अयोध्या धाम में स्थित अयोध्या हवाईअड्डा पर समाप्त होती है।

बैंगलोर से अयोध्या धाम तक कई विभिन्न विमानों का चयन कर सकते हैं। आमतौर पर, बैंगलोर से दिन में कई उड़ानें ऑपरेट होती हैं, जो यात्रीगण को विभिन्न विचार करने का विकल्प देती हैं। यह योजना करने में मदद कर सकती है कि आपको कौन-कौन सी उड़ानें उपलब्ध हैं और जो आपकी योजना के साथ सबसे अच्छी तरह से मेल खाती हैं।

आपको ध्यान देने वाली एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंगलोर से अयोध्या धाम तक के फ्लाइट की विवरणिका और उड़ानों की जानकारी के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट या विमानन कंपनी की वेबसाइट पर जांचना चाहिए, क्योंकि समय-समय पर यात्रा की जानकारी में बदलाव हो सकता है।

बैंगलोर से अयोध्या धाम की सीधी उड़ान की विवरणिका

बैंगलोर से अयोध्या धाम तक के सीधे उड़ानों की विवरणिका आपको इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध हो सकती है। आप विभिन्न यात्रा एजेंसियों या विमानन कंपनियों की वेबसाइट्स पर जाकर सीधे उड़ानों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

सीधी उड़ानें आपको समय की बचत कर सकती हैं, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी तय की गई यात्रा की तिथि और समय के लिए उड़ान उपलब्ध हैं।

आयोध्या धाम पहुंचने के बाद

अयोध्या हवाईअड्डा पहुंचने के बाद, यात्री आसानी से अपने गंतव्य की ओर बढ़ सकते हैं। हवाईअड्डा से शहर के केंद्र तक कई सारे सार्वजनिक और निजी परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। यात्री टैक्सी, ऑटोरिक ्शा, या बस का चयन कर सकते हैं।

आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास सही सार्वजनिक परिवहन का विकल्प है और आप अपने गंतव्य को सुरक्षित और सुरक्षित तरीके से पहुंच सकते हैं।

इस प्रकार, बैंगलोर से अयोध्या धाम तक के यात्रा के लिए विमानयान एक सुविधाजनक और तेज विकल्प हो सकता है, जो यात्रीगण को सुरक्षित और सही समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद करता है।

Bangalore To Ayodhya Dham By Flight

बैंगलोर से अयोध्या धाम के लिए यात्रा का विवरण

बैंगलोर से अयोध्या धाम के बीच सीधा यातायात संबंध नहीं है, लेकिन यहां कई विभिन्न साधारिता विधियां हैं जो आपको आयोध्या पहुंचने में मदद कर सकती हैं। बैंगलोर से अयोध्या पहुंचने के लिए सबसे सस्ता तरीका है मिर्ज़ापुर के लिए ट्रेन लेना और फिर वहां से एक कैब लेना, जो कुल 47 घंटे 25 मिनट लगेगा।

बैंगलोर से अयोध्या पहुंचने का सबसे तेज तरीका है चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान लेना, फिर वहां से एक कैब लेना, जो कुल 5 घंटे 42 मिनट लगेगा। बैंगलोर से अयोध्या पहुंचने के लिए सिफारिश किया जाने वाला तरीका है चौधरी चरण सिंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान लेना, फिर वहां से बस लेना, जो कुल 9 घंटे 10 मिनट लगेगा।

आयोध्या पहुंचने के लिए मिर्ज़ापुर के लिए ट्रेन का चयन करने पर, आपको ट्रेन की बुकिंग के लिए रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या रेलवे स्टेशन पर जाकर टिकट बुक करना होगा। ट्रेन यात्रा का समय और स्थान के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप रेलवे की वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं।

बैंगलोर से चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान लेने पर, आपको उड़ान की बुकिंग के लिए एयरलाइन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना चाहिए। एयरलाइन कंपनी द्वारा ऑपरेट की जाने वाली उड़ानों के समय और विवरण के लिए, आप उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर सीधे देख सकते हैं।

चौधरी चरण सिंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट से आयोध्या पहुंचने के लिए एक कैब लेने के लिए, आप एयरपोर्ट के प्रमुख प्रवेश द्वार पर विचार कर सकते हैं जहां यात्रीगण को विभिन्न ट्रांसपोर्ट सेवाएं उपलब्ध हो सकती हैं।

इस रूप में, बैंगलोर से अयोध्या धाम का सफलता पूर्वक समापन



Temple 🔗

The Ram Mandir Trust has set December 2023 as the deadline and the temple will be open for devotees from January 2024.

Hotel In Ayodhya 🔗

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Places To See In Ayodhya 🔗

The top attractions to visit in Ayodhya are: Shri Ram Janma Bhoomi, Hanuman Garhi Mandir, Kanak Bhavan Temple, Sita Ki Rasoi

Ram Mandir Ayodhya Lord Ram Images
Ram Mandir Ayodhya Lord Shiv Vishnu Brahma Images

अयोध्या Route

Check other ways to reach Ayodhya

Facts and History of Ayodhya

Owing to the belief as the birthplace of Rama, Ayodhya (Awadhpuri) has been regarded as first one of the seven most important pilgrimage sites (Mokshdayini Sapt Puris) for Hindus. Owing to the belief as the birthplace of Ram, Ayodhya has been regarded as one of the seven most important pilgrimage sites for Hindus.

In traditional history, Ayodhya was the early capital of the kingdom of Kosala, though in Buddhist times (6th–5th century bce) Shravasti became the kingdom's chief city. Scholars generally agree that Ayodhya is identical with the town of Saketa, where the Buddha is said to have resided for a time.

Historically Ayodhya was known as Saketa which was an important city during 6th Century in civilized India. Indeed, during Buddha’s time, Saketa was ruled by Prasenadi whose capital was Sravasti. Even, during Maurya rule Saketa continued its prominence and was attacked by Bactrian Greek expedition allied to Panchala and Mathur during 190 B.C. During the Gupta rulers, Ayodhya reached its highest political significance such that during the reigns of Kumaragupta and Skandagupta capital of empire was shifted from Pataliputra to Ayodhya where old name of Saketa was replaced to Ayodhya. Ayodhya name of the city defines the city as Lord Rama’s capital city. But, during Narasimhagupta the empire was destroyed by Huns that caused the shifting of the capital to Kanauj in 6th century. It resulted in oblivion of Ayodhya. In early second millennium, Gahadavalas came into power at Kannauj. During his rule, Gahadavalas built several Vishnu temples at Ayodhya . In subsequent years, the cult of Rama developed within Vaishnavism, with Rama being regarded as the foremost avatar of Vishnu. Consequently, Ayodhya's importance as a pilgrimage centre grew After independence of India from British rule, Ayodhya has been an important city of uttar Pardesh from spiritual point of view.

रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Angada - अंगद

अंगद एक प्रमुख चरित्र हैं, जो भगवान राम के आनुयाई, सुग्रीव के बेटे, और हनुमान जी के परम मित्र हैं। वह वानर समुदाय के एक प्रतिष्ठित सदस्य हैं और उनकी शक्तियों, साहस और निष्ठा के कारण मशहूर हैं। अंगद ने अपनी पूर्वजों के तरह अपनी मातृभूमि की सेवा करने का संकल्प लिया हैं और उन्होंने अपनी महानता और समर्पण के कारण रामायण काव्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।

अंगद का वर्णन करते समय, उनका आकार मध्यम है और वह बहुत ही सुंदर और प्रभावशाली दिखते हैं। उनके शरीर का रंग भूरा होता हैं, जिसे सुनहरे रंग के बालों से ढंका हुआ होता हैं। उनके प्रत्येक अंग से प्रकट होने वाली तेज़ और ऊर्जा उनकी शक्तियों का प्रतीक हैं। वे मानसिक तथा शारीरिक रूप से बहुत ही आक्रामक, वीरतापूर्ण और निर्भय होते हैं। उनकी नेत्रों में न्याय और सत्य की ज्योति दिखती हैं, और वे सभी को उनकी भक्ति और सेवा में अपना मार्ग प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करते हैं।

अंगद बहुत ही विनीत और समझदार होते हैं, और वे अपने पिता सुग्रीव की उपासना और सेवा करते हैं। उनकी आदर्शवादी और धर्मप्रिय प्रवृत्ति उन्हें एक नेतृत्वी व्यक्ति बनाती हैं। वे भगवान राम के विश्वासपूर्ण साथी हैं और उनके द्वारा विचार और विदेशी विवेक के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त करते हैं। उनके आक्रामक और युद्ध नीति ज्ञान ने उन्हें महारथी के रूप में अविश्वसनीय बना दिया हैं।

अंगद ने राम के द्वारा वानर समुदाय के साथ जुड़ने के उपाय को खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। उन्होंने भीमसेन, जम्बवान और नल-नील के साथ मिलकर रामायण के प्रमुख युद्धों में भाग लिया हैं। उनकी उम्दा योग्यता, साहस और उद्यमशीलता ने उन्हें राम के लिए अनमोल योगदान दिया हैं।

अंगद की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक उनकी पिता की मुक्ति की कथा हैं। जब राम और लक्ष्मण सुग्रीव के पास आए तो अंगद ने अपने पिता की रक्षा के लिए उत्साहित होकर सबसे पहले आगे बढ़ाई थी। वे हनुमान के साथ मिलकर सिंहासन पर चढ़े और लंका के राजा रावण के सामरिक दरबार में पहुंचे। अंगद ने राम के संदेश को देकर अपनी महानता का परिचय दिया और उनके साथीदारों के लिए सुग्रीव की मुक्ति की मांग की। उनकी प्रतापशाली और प्रभावशाली भाषण ने रावण को चुनौती दी और सुग्रीव को छूट मिली।

अंगद धर्मप्रियता, साहस, वीरता और अनुशासन में प्रमुख हैं। वे अपनी दृढ़ता और स्वाभिमान के लिए प्रसिद्ध हैं और अपने परिवार, समुदाय और धर्म के प्रति वचनबद्ध हैं। अंगद का चरित्र रामायण के अन्य महान कार्यकर्ताओं की तुलना में अद्वितीय हैं, और उनके महान योगदान ने उन्हें एक योग्य और श्रेष्ठ चरित्र के रूप में प्रतिष्ठित किया हैं।

अंगद वानर समुदाय के एक प्रमुख नेता के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। उनकी अनोखी गुणवत्ता, बुद्धिमता और धैर्य की वजह से वे सभी के द्वारा सम्मानित हैं। अंगद के चरित्र ने हमें सामरिक योद्धा, उत्कृष्ट नेता और धार्मिक व्यक्ति के मानवीय गुणों का आदर्श प्रदान किया हैं। उनकी भक्ति और सेवा ने उन्हें भगवान राम की अत्युत्कृष्ट सेवा करने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया हैं।



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|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

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2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

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रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

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अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.