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जय श्री राम 🙏

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🕊 Exclusive First Look: Majestic Ram Mandir in Ayodhya Unveiled! 🕊

🕊 एक्सक्लूसिव फर्स्ट लुक: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण! 🕊

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श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
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Jaipur To Ayodhya Train

Jaipur To Ayodhya
Way On Live Map

Ayodhya Map

Approximately 3 trains are found running between Jaipur to Ayodhya covering a distance of approx 701 kms. Trains from Jaipur to Ayodhya are listed below along with their schedule, time table, and ticket fare.

Jaipur to Ayodhya Trains & Distance

Train Name Train Number Distance / Time Service Days Additinal Information
Marudhar Exp 14854 25hr 50min Mon, Thu, Sat Train no. 14854 Marudhar Exp is one of the major trains on this route for travellers. It starts from Jodhpur Jn station and ends at Varanasi City. Due to its 38 stoppage stations, the total time taken by this train is around 25hr 50min.
Kavi Guru Exp 19615 56hr 5min Mon Train no. 19615 Kavi Guru Exp is one of the major trains on this route for travellers. It starts from Udaipur City station and ends at Kamakhya. Due to its 43 stoppage stations, the total time taken by this train is around 56hr 5min.
Kavi Guru Exp 19709 56hr 5min Mon Train no. 19709 Kavi Guru Exp is one of the major trains on this route for travellers. It starts from Udaipur City station and ends at Kamakhya. Due to its 43 stoppage stations, the total time taken by this train is around 56hr 5min.


Temple 🔗

The Ram Mandir Trust has set December 2023 as the deadline and the temple will be open for devotees from January 2024.

Hotel In Ayodhya 🔗

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Places To See In Ayodhya 🔗

The top attractions to visit in Ayodhya are: Shri Ram Janma Bhoomi, Hanuman Garhi Mandir, Kanak Bhavan Temple, Sita Ki Rasoi

Ram Mandir Ayodhya Lord Ram Images
Ram Mandir Ayodhya Lord Shiv Vishnu Brahma Images

अयोध्या Route

Check other ways to reach Ayodhya

Facts and History of Ayodhya

कौन थे राजा दशरथ

दशरथ, वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या के रघुवंशी राजा थे। वे राजा अज व इन्वदुमतीके के पुत्र थेे तथा इक्ष्वाकु कुल मे जन्मे थे। वे श्रीराम के पिता थे। उनके चरित्र को आदर्श महाराजा, पुत्रों को प्रेम करने वाले पिता और अपने वचनों के प्रति पूर्ण समर्पित व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है।

राजा दशरथ अयोध्या के चक्रवती सम्राट थे जो इश्वाकू वंश से थे । वे एक सूर्यवंशी राजा थे जिनके माता-पिता का नाम अजा व इंदुमती था । आज हम राजा दशरथ के बारें में विस्तार से इसलिये पढ़ते है क्योंकि उनके कुल में स्वयं भगवान विष्णु के सातवें पूर्ण अवतार भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था । श्रीराम राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र थे जो आगे चलकर अयोध्या के सम्राट बने थे ।

शांता राजा दशरथ व रानी कौशल्या की प्रथम संतान थी लेकिन दशरथ ने उन्हें अपनी पत्नी की बहन वर्षिणी को गोद दे दिया था । वर्षिणी अंगदेश के राजा सोमपद की पत्नी थी जिनकी कोई संतान नही थी । इसलिये उनका दुःख देखकर राजा दशरथ ने उन्हें अपनी पुत्री दे दी थी। बाद में शांता का विवाह महान ऋषि श्रृंग मुनि से हुआ था।

शांता राजा दशरथ व रानी कौशल्या की प्रथम संतान थी लेकिन दशरथ ने उन्हें अपनी पत्नी की बहन वर्षिणी को गोद दे दिया था । वर्षिणी अंगदेश के राजा सोमपद की पत्नी थी जिनकी कोई संतान नही थी । इसलिये उनका दुःख देखकर राजा दशरथ ने उन्हें अपनी पुत्री दे दी थी। बाद में शांता का विवाह महान ऋषि श्रृंग मुनि से हुआ था।

रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Lava - लव

श्री रामायण महाकाव्य में श्री राम और माता सीता के पुत्र लव को एक महत्वपूर्ण चरित्र माना जाता है। लव श्री रामचंद्र जी के और सीता जी के दोनों पुत्रों में से एक हैं। उनका जन्म वाल्मीकि मुनि के कवित्व महाकाव्य रामायण के उत्तर कांड में वर्णित हुआ है। लव और कुश दोनों भ्रातृभाग्य को प्राप्त करने वाले हैं। इन्होंने श्री राम के गुणों का पालन करते हुए बड़े होकर अपने माता-पिता का सम्मान किया और अपनी माता की पुरी चिंता और सेवा की।

लव का वर्णन रामायण में काव्यात्मक रूप से किया गया है। वह बहुत ही सुंदर और प्रियदर्शी थे। उनके मुख पर अद्यतित मुद्रा रहती थी और उनकी किरणों से सबको प्रभावित कर देते थे। उनके बाल लम्बे, सुंदर और चमकीले थे। उनकी आंखें अत्यंत मनमोहक थीं और व्यक्तित्व में वे अत्यंत प्रिय किए जाते थे।

लव श्री राम की अद्यतन मुद्रा, व्यंग्य, काव्य, विदूषणा आदि कलाओं में आदित्य कहे जाते हैं। वे गुणों, धर्म और सौंदर्य का समन्वय हैं। उनके प्रति लोगों का आदर बढ़ता था क्योंकि उन्होंने अपने पिता के गुणों को पालन किया और अपनी माता की सेवा की। लव को धर्मिक विचारों और नेतृत्व की महत्ता को समझाने का बड़ा योगदान दिया जाता है।

लव अपनी ब्राह्मण जाति के लोगों की तरह धर्म-कर्म में निरत रहते थे। वे न्याय के नियमों का पालन करते थे और लोगों को अपने वचनों के प्रति प्रमाणित करते थे। उनका चरित्र पवित्र और निष्ठावान था। लव बुद्धिमान और समझदार होने के साथ-साथ मनोबल के धनी भी थे। उनके वाणी और विचार अत्यंत तेजस्वी थे, जिनसे उन्होंने लोगों को प्रभावित किया।

लव का ध्यान सम्पूर्णता, साहस, सौंदर्य और संयम पर था। उन्होंने बचपन से ही सबको आकर्षित किया और अपने माता-पिता का पूरा आदर किया। लव अपनी सामर्थ्य, प्रतिष्ठा और साहस के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने भाई कुश के साथ एक संघटित रूप से काम किया और विभिन्न यज्ञों और धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया।

लव के व्यक्तित्व में सौंदर्य, साहस, आत्मविश्वास और शक्ति का परिचय होता है। उन्होंने जीवन के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाई और अपनी प्रेम और समर्पण भावना से अपने आपको सबके लिए प्रकट किया। उनकी वीरता, धैर्य और न्यायप्रियता ने लोगों को आकर्षित किया और उन्हें आदर्श के रूप में स्वीकारा गया।

लव रामायण के एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जो अपनी माता-पिता की आदर्श आचारणा को प्रदर्शित करते हैं। उनका व्यक्तित्व, विद्या, विचारशीलता और धर्मपरायणता लोगों को प्रेरित करता है। लव की प्रतिष्ठा और सामर्थ्य की कथा लोगों को धार्मिक और नैतिक मूल्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करती है। उनका पात्र रामायण में एक उत्कृष्ट नगरी चित्रण के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

इस प्रकार, लव रामायण में एक महत्वपूर्ण चरित्र हैं जो संपूर्णता, सौंदर्य, धर्मपरायणता और साहस का प्रतीक हैं। उनका व्यक्तित्व लोगों को प्रेरित करता है और उन्हें धार्मिक और नैतिक मूल्यों का पालन करने की प्रेरणा देता है। लव रामायण के एक महत्वपूर्ण पात्र हैं जो अपने माता-पिता की सेवा करने के लिए प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं और अपने जीवन को धार्मिक और नैतिक मार्ग पर चलाने का उदाहरण स्थापित करते हैं।



Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Sanskrit shlok
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|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

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2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

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रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

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अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.