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जय श्री राम 🙏

सादर आमंत्रण

🕊 Exclusive First Look: Majestic Ram Mandir in Ayodhya Unveiled! 🕊

🕊 एक्सक्लूसिव फर्स्ट लुक: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण! 🕊

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श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
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The Incredible Story of Lord Ram

Ramayana: The Epic Saga of Lord Ram - Full Episode Collection

रामायण : Episode 1
राजा दशरथ का पुत्रेष्टि यज्ञ व श्री राम का जन्म
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रामायण : Episode 2
राजा दशरथ के चारों पुत्र का गुरुकुल को प्रस्थान
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रामायण : Episode 3
महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में अयोध्या के राजकुमारों की दीक्षा
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रामायण : Episode 4
अयोध्या में चारों राजकुमारों का आगमन। श्रीराम द्वारा ताड़का वध
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रामायण : Episode 5
विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा, अहिल्या उद्धार
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रामायण : Episode 6
राम लक्ष्मण और विश्वामित्र का जनकपुर आगमन। पुष्पवाटिका में राम सीता दर्शन
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रामायण : Episode 7
सीता स्वयंवर। राजाओं से धनुष न उठना। जनक की निराशाजनक वाणी
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रामायण : Episode 8
श्री राम द्वारा धनुष भंग। सीता द्वारा जयमाल। परशुराम लक्ष्मण संवाद
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रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Shurpanakha - शूर्पणखा

शूर्पणखा भारतीय महाकाव्य रामायण में एक महत्वपूर्ण पात्र है। वह एक राक्षसी है जिसे वाल्मीकि द्वारा दिए गए महाकाव्य में विस्तार से वर्णित किया गया है। शूर्पणखा का नाम संस्कृत में "चुभने वाली नखें" का अर्थ होता है। वह रावण की बहन है और खूबसूरती और अत्यधिक बुद्धिमान होने के कारण अपने भाई के नेतृत्व में राक्षसों की सेना में शामिल होती है।

शूर्पणखा का वर्णन रामायण में बहुत ही रोचक है। वह सुंदरता की प्रतीक है और उसकी बड़ी नखें उसके चेहरे को और अधिक आकर्षक बनाती हैं। उसके बाल लम्बे और काले होते हैं और उसकी आँखों में शातिरता और कर्मठता की चमक होती है। शूर्पणखा वाल्मीकि के काव्य में अभिप्रेत पात्रों में से एक है जो रामायण की कहानी को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण काम करती है।

शूर्पणखा के पास असाधारण शक्ति होती है और वह दूसरों को राक्षस बनाने की क्षमता रखती है। उसका स्वभाव उत्तेजित और प्रबल होता है और वह आसानी से राक्षसों की सेना का नेतृत्व कर सकती है। शूर्पणखा की प्रधान पहचान उसकी खुदाई की जाती है, जिसमें उसके पैरों के निशान भी दिखाई देते हैं। वह उसे अपनी राक्षसी शक्ति और प्रबलता का प्रतीक मानती है और इसे अपने भाई रावण को दिखाने के लिए उपयोग करती है।

शूर्पणखा के अभिप्रेत कार्यों में से एक राम के पास पहुंचकर उसे प्रेम करने का प्रयास करना है। जब वह राम को देखती है, तो उसकी सुंदरता और प्रभाव में मग्न हो जाती है और उसे उससे प्रेम हो जाता है। वह राम को प्रतिबिंबित करने के लिए अपने भाई खर और दूषण के साथ राम के निवासस्थान पर आती है।

हालांकि, शूर्पणखा का प्रेम प्रकट होने पर राम उसे अपनी पत्नी सीता के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, शूर्पणखा भयानक रूप में तब्दील हो जाती है और उसे लक्ष्मण द्वारा नास्तिक्रियता का दंड दिया जाता है।

शूर्पणखा का पात्र रामायण के कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण बदलाव प्रदान करता है। उसकी प्रेम कथा उसकी उच्चता और विपरीतता को दर्शाती है जहां प्रेम निःस्वार्थ और सत्य होने के बावजूद उसका परिणाम विनाशकारी हो जाता है। शूर्पणखा का चरित्र रामायण के पुरुषार्थ, धर्म, और नर और नारी के संबंधों को गहराई से समझने का एक माध्यम है। उसकी कथा द्वारा हमें यह भी सिखाया जाता है कि न केवल दया और प्रेम में ही जीवन का अर्थ होता है, बल्कि सत्य, धर्म, और अपने कर्तव्यों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।

शूर्पणखा रामायण की एक प्रमुख चरित्र है जो राम, सीता, और लक्ष्मण की कथा में एक महत्वपूर्ण संचालक है। उसका पात्र उदारता, सुंदरता, अपार बुद्धिमत्ता, और राक्षसी शक्ति के साथ भरा होता है। शूर्पणखा की कथा हमें अदालती, स्वार्थ, और सम्प्रेषण के मामलों में विवेचना करने के लिए प्रेरित करती है। उसकी कथा द्वारा हमें यह भी समझने का अवसर मिलता है कि आत्म-प्रतिष्ठा और विश्वास का महत्व क्या होता है और धर्म के मार्ग में बरकरार रहना क्यों जरूरी है। शूर्पणखा रामायण की पाठशाला में एक महत्वपूर्ण चरित्र है जो हमें धर्म, नैतिकता, और जीवन के महत्वपूर्ण संदेशों को समझाने में मदद करता है।



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|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

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2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

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रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

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अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.