×

जय श्री राम 🙏

सादर आमंत्रण

🕊 Exclusive First Look: Majestic Ram Mandir in Ayodhya Unveiled! 🕊

🕊 एक्सक्लूसिव फर्स्ट लुक: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण! 🕊

YouTube Logo
श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
लाइव दर्शन | Live Darshan
×
YouTube Logo

Post Blog

The Incredible Story of Lord Ram

रामायण : राम का अंगद को दूत बनाकर भेजना। अंगद रावण संवाद।

रामायण : Episode 56

राम का अंगद को दूत बनाकर भेजना। अंगद रावण संवाद।

राम की वानर सेना आक्रमण करने को तत्पर होती है तो रावण की सेना भी उन्हें रोकने के लिये तैयार होती है। राम युद्ध टालने के लिये रावण को अन्तिम अवसर देना चाहते हैं। राम इसके लिये बुद्धिमान और बलवान वानर को अपना शान्ति दूत बनाकर भेजना चाहते हैं। सुग्रीव व जामवन्त इसके लिये अंगद का नाम सुझाते हैं। राम की अंगद से कहते हैं कि वह रावण को सीता लौटाकर रक्तपात से बचने के लिये राजी करें और रावण के समक्ष अपनी सेना की शक्ति का बखान इस भाँति करे कि वह अन्दर ही अन्दर दहल जाये। अंगद रावण की सभा में पहुँचते हैं। अंगद रावण से कहते हैं कि वह राजदूत हैं, इसलिये पहले उन्हें बैठने के यथोचित आसान और राजदूत का सम्मान दिया जाय, तब फिर वह अपने स्वामी का सन्देश उसे सुनायेंगे। रावण तिरस्कारपूर्ण स्वर में कहता है कि राजा के भेजे दूत को राजदूत कहा जाता है, जंगल में रहने वाले किसी वनवासी के भेजे वानर को वह राजदूत नहीं मान सकता है। तब अंगद कहते हैं कि इस अपमान पर वे अपने स्वामी का प्रस्ताव रखे बिना वापस जा सकते हैं लेकिन इससे युद्ध अवश्यंभावी होगा इसलिये वह इस राजसभा में अपने लिये राज्योचित आसान का निर्माण स्वयं करेंगे। अंगद अपनी पूँछ लम्बी कर उसके घेरे से रावण के सिंहासन से भी उँचा अपना आसन बनाते हैं और उसपर विराजमान होकर गर्वपूर्वक राम का प्रस्ताव रखते हैं। अंगद रावण से कहते हैं कि राम तीनों लोकों को अपने एक बाण से नष्ट करने की शक्ति रखते हैं इसलिये रावण के लिये हितकर होगा कि वह कुटुम्ब समेत राम की शरण में चले जाये और माता जानकी को सादर लौटा दे। रावण उपहास उड़ाते हुए कहता है कि इस शान्ति प्रस्ताव के पीछे राम का भय परिलक्षित हो रहा है। राम के हाथ पाँव युद्ध के नाम पर काँप रहे हैं। इसपर अंगद रावण को सीता स्वयंवर का प्रसंग स्मरण कराकर उसे बुरी तरह अपमानित करते हैं। अंगद कहते हैं कि सीता स्वयंवर में रावण ने भी भाग लिया था और वह शिव धनुष को हिला तक नहीं पाया था जबकि प्रभु राम ने उस धनुष को उठाकर तोड़ दिया था। रावण इसे एक दन्तकथा कहता है। इस पर अंगद रावण को चिढ़ाते हुए कहते हैं कि क्या यह भी एक दन्तकथा है कि मेरे पिता बालि रावण नामक एक प्राणी को छह माह तक अपनी पूँछ से बाँधकर कई पर्वतों पर घूमते रहे थे। तब रावण भावनात्मक चाल चलते हुए अंगद से कहता है कि बालि से उसकी मि़त्रता थी। उसे अपने मित्र की हत्या का दुख है। वह अंगद को उकसाता है कि वो धोखे से राम को मारकर अपने पिता बालि की हत्या का प्रतिशोध ले और किष्किंधा की गद्दी पर बैठ जाये।

रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Lava - लव

श्री रामायण महाकाव्य में श्री राम और माता सीता के पुत्र लव को एक महत्वपूर्ण चरित्र माना जाता है। लव श्री रामचंद्र जी के और सीता जी के दोनों पुत्रों में से एक हैं। उनका जन्म वाल्मीकि मुनि के कवित्व महाकाव्य रामायण के उत्तर कांड में वर्णित हुआ है। लव और कुश दोनों भ्रातृभाग्य को प्राप्त करने वाले हैं। इन्होंने श्री राम के गुणों का पालन करते हुए बड़े होकर अपने माता-पिता का सम्मान किया और अपनी माता की पुरी चिंता और सेवा की।

लव का वर्णन रामायण में काव्यात्मक रूप से किया गया है। वह बहुत ही सुंदर और प्रियदर्शी थे। उनके मुख पर अद्यतित मुद्रा रहती थी और उनकी किरणों से सबको प्रभावित कर देते थे। उनके बाल लम्बे, सुंदर और चमकीले थे। उनकी आंखें अत्यंत मनमोहक थीं और व्यक्तित्व में वे अत्यंत प्रिय किए जाते थे।

लव श्री राम की अद्यतन मुद्रा, व्यंग्य, काव्य, विदूषणा आदि कलाओं में आदित्य कहे जाते हैं। वे गुणों, धर्म और सौंदर्य का समन्वय हैं। उनके प्रति लोगों का आदर बढ़ता था क्योंकि उन्होंने अपने पिता के गुणों को पालन किया और अपनी माता की सेवा की। लव को धर्मिक विचारों और नेतृत्व की महत्ता को समझाने का बड़ा योगदान दिया जाता है।

लव अपनी ब्राह्मण जाति के लोगों की तरह धर्म-कर्म में निरत रहते थे। वे न्याय के नियमों का पालन करते थे और लोगों को अपने वचनों के प्रति प्रमाणित करते थे। उनका चरित्र पवित्र और निष्ठावान था। लव बुद्धिमान और समझदार होने के साथ-साथ मनोबल के धनी भी थे। उनके वाणी और विचार अत्यंत तेजस्वी थे, जिनसे उन्होंने लोगों को प्रभावित किया।

लव का ध्यान सम्पूर्णता, साहस, सौंदर्य और संयम पर था। उन्होंने बचपन से ही सबको आकर्षित किया और अपने माता-पिता का पूरा आदर किया। लव अपनी सामर्थ्य, प्रतिष्ठा और साहस के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने भाई कुश के साथ एक संघटित रूप से काम किया और विभिन्न यज्ञों और धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया।

लव के व्यक्तित्व में सौंदर्य, साहस, आत्मविश्वास और शक्ति का परिचय होता है। उन्होंने जीवन के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाई और अपनी प्रेम और समर्पण भावना से अपने आपको सबके लिए प्रकट किया। उनकी वीरता, धैर्य और न्यायप्रियता ने लोगों को आकर्षित किया और उन्हें आदर्श के रूप में स्वीकारा गया।

लव रामायण के एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जो अपनी माता-पिता की आदर्श आचारणा को प्रदर्शित करते हैं। उनका व्यक्तित्व, विद्या, विचारशीलता और धर्मपरायणता लोगों को प्रेरित करता है। लव की प्रतिष्ठा और सामर्थ्य की कथा लोगों को धार्मिक और नैतिक मूल्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करती है। उनका पात्र रामायण में एक उत्कृष्ट नगरी चित्रण के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

इस प्रकार, लव रामायण में एक महत्वपूर्ण चरित्र हैं जो संपूर्णता, सौंदर्य, धर्मपरायणता और साहस का प्रतीक हैं। उनका व्यक्तित्व लोगों को प्रेरित करता है और उन्हें धार्मिक और नैतिक मूल्यों का पालन करने की प्रेरणा देता है। लव रामायण के एक महत्वपूर्ण पात्र हैं जो अपने माता-पिता की सेवा करने के लिए प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं और अपने जीवन को धार्मिक और नैतिक मार्ग पर चलाने का उदाहरण स्थापित करते हैं।



Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Sanskrit shlok
Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Hindi shlok
Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner English shlok

|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

ram mandir ayodhya news feed banner
2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

ram mandir ayodhya news feed banner
रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

ram mandir ayodhya news feed banner
अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.