×

जय श्री राम 🙏

सादर आमंत्रण

🕊 Exclusive First Look: Majestic Ram Mandir in Ayodhya Unveiled! 🕊

🕊 एक्सक्लूसिव फर्स्ट लुक: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण! 🕊

YouTube Logo
श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
लाइव दर्शन | Live Darshan
×
YouTube Logo

Post Blog

The Incredible Story of Lord Ram

रामायण : सुग्रीव का राज्याभिषेक। अंगद बने युवराज। भोग विलास में डूबे सुग्रीव।

रामायण : Episode 40

सुग्रीव का राज्याभिषेक। अंगद बने युवराज। भोग विलास में डूबे सुग्रीव।

किष्किंधा के राजमहल में सुग्रीव का राज्याभिषेक होता है। राजनर्तकिया अभिनन्दन गीतों पर नृत्य करती हैं। लक्ष्मण सुग्रीव को राजमुकुट पहनाते हैं। सुग्रीव ऋष्यमूक पर्वत पर बैठे राम के पास जाकर उनके चरणों में अपना राजमुकुट रखते हैं और आभार व्यक्त करते हैं। सुग्रीव और उनके मंत्रियों के साथ राम की मंत्रणा होती हैं। सुग्रीव माता सीता की खोज तत्काल प्रारम्भ करना चाहते हैं। किन्तु राम कहते हैं कि वर्षा ऋतु में वानरों के लिये यह कार्य दुष्कर होगा अतएव वे चतुर्मास बीतने के उपरान्त सीता की खोज प्रारम्भ करने का सुझाव देते हैं। लक्ष्मण चार मास तक भाभी सीता के कष्ट भोगने को लेकर चिन्तित होते हैं। वर्षा ऋतु प्रारम्भ होती है। सीता अशोक वाटिका में वृक्ष के नीचे भीगते हुए बिना छाया के रहती हैं। वर्षा ऋतु में उन्हें विरह पीड़ा भी है। सीता को मिथिला की पुष्प वाटिका का वो दिन याद आता है जब उन्होंने पहली बार राम को देखा था। अपने विवाह का हर प्रसंग याद कर वे विह्वल होती हैं। उधर राम भी कम विचलित नहीं हैं। चन्द्रमा की शीतलता उन्हें जला रही है। सीता की रक्षा न कर पाने की उन्हें ग्लानि है। यह वर्षा अयोध्या में भी विरह की पीड़ा लेकर आयी है। भरत ,भाई राम की चरण पादुका के समक्ष उन्हें स्मरण कर दुखी है। माता कौशल्या पुष्पथाल लिये महल के झरोखे से पुत्र की राह निहार रही है। लक्ष्मण और उर्मिला भी विरह पीड़ा में हैं। धीरे धीरे चतुर्मास बीत जाता है। हनुमान और जामवन्त चिन्तित हैं कि महाराज सुग्रीव अपने अन्तःपुर में भोग विलास में डूबे हैं और उन्हें रामकाज की याद भी नहीं है। सुग्रीव के इस बर्ताव पर राम और लक्ष्मण भी क्रोधित हैं। राम सुग्रीव से बात करने के लिये लक्ष्मण को किष्किंधा भेजते हैं।

रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Tara - तारा

श्रीमद् रामायण में तारा का चरित्र एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण रूप से उभरता है। तारा, किष्किंधा नगर के महान वानर राजा वाली की पत्नी थीं। वाली और तारा का विवाह वानर समुदाय में प्रेम के एक उदाहरण के रूप में माना जाता था। तारा का पूरा नाम अत्यंत सुंदरी ताराका था, जो उनकी सुंदरता को व्यक्त करता था। उनकी स्नेही और सदैव परोपकारी स्वभाव ने उन्हें वानर समुदाय में महत्वपूर्ण बना दिया था।

तारा एक बुद्धिमान, विद्वान् और साहसिक महिला थीं। वाली की साहसिक गुणवत्ता के कारण, उन्होंने वानरों के बीच एक अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान बनाया था। उन्होंने वानर समुदाय के सभी सदस्यों का सम्मान किया और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रयास किए। तारा बुद्धिमान वैद्यकीय ज्ञान की धारा थीं और उन्होंने वानर सेना की चिकित्सा और उनकी सेवाओं का प्रबंधन किया। वानर समुदाय में उनका उदाहरणीय आदर्श स्थान था और वे वानरों के लिए एक माता के समान थीं।

तारा की उपस्थिति वानर सेना के लिए एक आधारभूत सामर्थ्य थी। वाली द्वारा नेतृत्व किए जाने वाले सेनानायक के रूप में तारा की बुद्धि और वाणी का महत्वपूर्ण योगदान था। वानर सेना के प्रमुख नेता के रूप में, उन्होंने वानरों के बीच न्याय और समानता के सिद्धांत को स्थापित किया। तारा वाली के साथ एक ऐसी जीवन जीती थी जिसमें संयम और न्याय का महत्वपूर्ण स्थान था।

तारा अपनी श्रद्धा और निष्ठा के लिए भी प्रसिद्ध थीं। उन्होंने वानर समुदाय में आध्यात्मिक संघ के गठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने वानर समुदाय के सदस्यों को धार्मिक शिक्षा दी और उनके आध्यात्मिक विकास का समर्थन किया। तारा धार्मिक और मनोवैज्ञानिक सुधारों को समर्थन करती थीं और उन्होंने वानर समुदाय के सदस्यों को धार्मिकता के मार्ग पर अग्रसर किया।

तारा रामचरितमानस में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वाल्मीकि जी महर्षि द्वारा लिखित इस ग्रंथ में उनका वर्णन किया गया है और उनकी साहसिकता, विवेक और धार्मिकता की प्रशंसा की गई है। उन्होंने लक्ष्मण के साथ राम को सम्पूर्णता के रूप में शरण दी और उन्हें वानर सेना का नेतृत्व सौंपा।

तारा की प्रतिभा, शक्ति और साहस ने उन्हें एक प्रमुख चरित्र बना दिया है। उनका प्रेम और समर्पण उन्हें वानर समुदाय में महत्वपूर्ण स्थान देता है और उन्हें एक आदर्श पत्नी के रूप में मान्यता प्राप्त होती है। उनका चरित्र रामायण के महान काव्य में सुंदरता और प्रेरणा का स्रोत बनता है।



Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Sanskrit shlok
Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Hindi shlok
Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner English shlok

|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

ram mandir ayodhya news feed banner
2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

ram mandir ayodhya news feed banner
रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

ram mandir ayodhya news feed banner
अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.