×

जय श्री राम 🙏

सादर आमंत्रण

🕊 Exclusive First Look: Majestic Ram Mandir in Ayodhya Unveiled! 🕊

🕊 एक्सक्लूसिव फर्स्ट लुक: अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण! 🕊

YouTube Logo
श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
लाइव दर्शन | Live Darshan
×
YouTube Logo

Post Blog

The Incredible Story of Lord Ram

रामायण : राम के बाण से रावण का मुकुट व छत्र गिरना। रावण के गुप्तचर पकड़े जाना।

रामायण : Episode 54

राम के बाण से रावण का मुकुट व छत्र गिरना। रावण के गुप्तचर पकड़े जाना।

रावण त्रिकुट पर्वत के शिखर पर बने अपने विलास महल में है। महल के प्रांगण में वह पटरानी मंदोदरी के साथ आमोद प्रमोद कर रहा है। उसके समक्ष नर्तकियां नृत्य कर रही हैं। रावण के मुकुट और मन्दोदरी के कर्णफूल पर जड़ी मणियों की चमक छावनी में बैठे राम की आँखों तक पहुँचती है। विभीषण इस चमक का भेद राम को बताते हैं। लक्ष्मण अचरज करते हैं कि शत्रु के सीमा में घुस आने पर भी रावण आमोद प्रमोद में तल्लीन है। विभीषण कहते हैं कि रावण ने संगीत सभा का आयोजन इसलिये किया है ताकि प्रजा आश्वस्त रहे कि राज्य में सब कुछ ठीक चल रहा है। राम रावण को एक चेतावनी भेजने का निर्णय लेते हैं। दूर छावनी में बैठकर राम अपना बाण त्रिकुट पर्वत की ओर चलाते हैं। बाण रावण के मुकुट और मन्दोदरी के कर्णफूल को भेदकर वापस राम के तुण्डीर में आ जाता है। मन्दोदरी इस घटना से विचलित होती है। लेकिन रावण इसे राम का टोटका कहता है और मन्दोदरी को आश्वस्त करता है। अगले दिन राजसभा में मेघनाद कहता है कि आज रात्रि ही राम की छावनी पर आक्रमण बोल देना चाहिये। शूक परामर्श देता है कि वह और सारण पहले छावनी में जाकर उनकी व्यूह रचना का पता लगा आयें अन्यथा ऐसा न हो कि विभीषण ने असुरों की भाँति सैन्य रणनीति अपनायी हो और हमारी सेना वहाँ जाकर घिर जाये। शूक और सारण वानरों का रूप धर राम की छावनी का भेद लेते हैं। विभीषण की दृष्टि उन दोनों पर पड़ जाती है और उन्हें पकड़ कर राम के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। विभीषण राम को बताते हैं कि शूक इसके पहले सुग्रीव के पास रावण का प्रलोभन भरा संधि प्रस्ताव लेकर आया था और आज गुप्तचर बनकर भेद लेने आया है। सुग्रीव कहते हैं कि पहले शूक दूत बनकर आया था, इसलिये राजनीति के तहत उसे दण्डित नहीं किया था किन्तु अब वह गुप्तचर बनकर आया है तो उसे युद्धनीति के तहत मृत्युदण्ड दिया जा सकता है। राम अपने रण कौशल से युद्ध जीतना चाहते हैं। वे दोनों गुप्तचरों को मुक्त करने का आदेश देते हैं और उनसे कहते हैं कि वे यहाँ से जुटाई जानकारी रावण को दे सकते हैं। रावण के समक्ष पहुँच कर शूक राम की दयालुता की प्रशंसा करता है लेकिन मातृभूमि लंका के प्रति अपनी निष्ठा बनाये रखते हुए रावण को राम की छावनी के तमाम भेद भी बताता है। रावण त्रिकुट शिखर से राम की छावनी का अवलोकन करता है। शूक रावण को दिखाता है कि राम की सेना के प्रमुख नायकगण देवताओं और गन्धर्वों के औरस पुत्र और नाती हैं, जिनकी ताकत और माया किसी से कम नहीं। यहाँ रावण पहली बार राम को देखता है।

रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Maricha - मारीच

मारीच रामायण में एक महत्वपूर्ण पात्र है जो रावण के मामा के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। मारीच देवताओं के वंशज और वानर जाति के एक प्रमुख सदस्य हैं। वह विद्या, शक्ति और योग्यता में प्रवीण हैं, जिसके कारण उन्हें रावण का समर्थन करने का अवसर मिला। मारीच के चरित्र में रामायण के कई पहलुओं को प्रकट किया गया है, जैसे कि उनकी शांतिपूर्ण प्रकृति, अच्छे संगीत और उनका नीतिनिष्ठा।

मारीच को एक प्राणी के रूप में प्रदर्शित किया गया है, जिसे रावण ने अपने विचारशक्ति के आधार पर प्राणी में परिवर्तित किया। इस प्राणी के रूप में, मारीच ने रावण को अपने विज्ञान और ज्ञान के माध्यम से नये विचारों का अनुभव कराया। वे रावण के उत्कृष्ट मनोबल का प्रतीक बन गए और उन्होंने रावण को अपनी मायावी शक्तियों का परिचय दिया। मारीच ने रावण के दुर्योधन के रूप में भूमिका निभाई, जो उनके प्रतापी और विनीत चरित्र का एक प्रतिष्ठित उदाहरण है।

मारीच की रामायण में प्रमुख भूमिका उनके परिवर्तनशील स्वभाव की बजाय उनकी शांतिपूर्ण प्रकृति को दर्शाने में है। उनकी विचारधारा धर्म और न्याय के पक्षपाती दरबार के विरोध में है, जिसे वे रावण को समझाते हैं। मारीच को रामायण में ध्यान और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में भी दिखाया गया है, जब उन्होंने रावण को राम की सत्य और धर्म को मान्य करने की सलाह दी। यह दर्शाता है कि मारीच को धर्म और सत्य के महत्व का अच्छा ज्ञान था।

मारीच को सुंदरकांड में एक महत्वपूर्ण घटना में प्रस्तुत किया गया है, जब उन्होंने भगवान राम के द्वारा किए गए वानरों के प्रत्येक घोर आक्रमण का वर्णन किया। मारीच ने रावण को सावधान करने की सलाह दी और उन्हें बताया कि राम एक महान योद्धा है और उनकी अपार शक्ति का अनुभव करने की योग्यता रखता है। उन्होंने रावण को चेतावनी दी कि वे राम से मतभेद में न पड़ें और उनके प्रति सम्मान का भाव रखें। मारीच की यह सलाह रावण की विजय के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हुई, जो राम के द्वारा हत्या किए जाने की घटना के बाद हुई।

मारीच का चरित्र रामायण में महत्वपूर्ण है और वह रावण के मामा के रूप में एक गहरी राष्ट्रीयता, नीतिशास्त्र, और धर्म की प्रतिष्ठा का प्रतीक है। उनकी प्रशंसा उनकी योग्यताओं, विचारधारा और सच्चे मन की प्रशंसा है। यह चरित्र मारीच को रामायण का महत्वपूर्ण और आदर्श व्यक्ति बनाता है, जो धर्म, न्याय और सत्य के मानकों का पालन करता है।



Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Sanskrit shlok
Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner Hindi shlok
Ram Mandir Ayodhya Temple Help Banner English shlok

|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

ram mandir ayodhya news feed banner
2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

ram mandir ayodhya news feed banner
रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

ram mandir ayodhya news feed banner
अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.